Poorest candidates Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव का पहला चरण धनबल और सादगी की एक अजीबोगरीब तस्वीर पेश कर रहा है। (Poorest candidates Bihar Election 2025) एक तरफ जहां मैदान में उतरे लगभग 40 प्रतिशत उम्मीदवार करोड़पति हैं, वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे प्रत्याशी भी हैं, जिनकी जेब में नामांकन शुल्क जितने भी पैसे मुश्किल से हैं। ADR (एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स) और बिहार इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट के अनुसार, 121 विधानसभा क्षेत्रों से नामांकन करने वाले कुल 1303 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 3.26 करोड़ रुपये है। लेकिन इस चमक-धमक के बीच, कुछ उम्मीदवार ऐसे भी हैं, जो अपनी गरीबी की हकीकत को जीते हुए लोकतंत्र की सबसे बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं।
Poorest candidates Bihar Election 2025: सबसे गरीब उम्मीदवार: जेब में सिर्फ 1,000 रुपये
लोकतंत्र की इस जंग में सबसे गरीब उम्मीदवारों की सूची में दरभंगा से SUCI (कम्युनिस्ट) पार्टी के मोजाहिद आलम का नाम सबसे ऊपर है। (Poorest candidates Bihar Election 2025) उनके शपथपत्र के अनुसार, उनकी कुल संपत्ति महज 1,000 रुपये है। यह आंकड़ा बताता है कि राजनीति में उतरने के लिए जरूरी पैसा भी इनके पास नहीं है, लेकिन इरादे बुलंद हैं।
इस सूची में दूसरे स्थान पर पटना के बाढ़ विधानसभा क्षेत्र से पीपल्स पार्टी ऑफ इंडिया के उम्मीदवार शत्रुधन वर्मा हैं, जिनकी कुल संपत्ति भी केवल 1,000 रुपये दर्ज है। तीसरे स्थान पर मुजफ्फरपुर के मीनापुर से चुनाव लड़ रहे शिव कुमार यादव हैं, जिनकी कुल संपत्ति 2,023 रुपये है।
राजनीति में धनबल और घटती महिला शक्ति
इन गरीब उम्मीदवारों की मौजूदगी यह दिखाती है कि बिहार की राजनीति में आज भी ऐसे लोग हैं, जो बिना भव्य प्रचार तंत्र, गाड़ियों के काफिले और करोड़ों की संपत्ति के, केवल लोकतंत्र की मजबूती के लिए मैदान में उतरे हैं। वे सादगी के साथ जनता तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं।
हालांकि, रिपोर्ट का एक और पहलू चिंताजनक है। (Poorest candidates Bihar Election 2025) कुल 1,303 प्रत्याशियों में से 423 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसके अलावा, राजनीति में महिला उम्मीदवारों की संख्या अभी भी बहुत सीमित है। पहले चरण में महिला प्रत्याशियों का प्रतिशत सिर्फ 9% (121) है, जो राजनीति में महिलाओं की कम भागीदारी को दर्शाता है।
आम लोगों के सपनों का मंच है लोकतंत्र
ऐसे समय में जब राजनीति में बाहुबल और धनबल का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है, 1000 रुपये की संपत्ति वाले ये उम्मीदवार एक मिसाल बनकर उभरे हैं। (Poorest candidates Bihar Election 2025) वे यह याद दिलाते हैं कि राजनीति केवल अमीरों का खेल नहीं है, बल्कि यह आम लोगों के सपनों का मंच भी है। ये प्रत्याशी करोड़ों की चकाचौंध के बीच सादगी और ईमानदारी से चुनाव लड़ने की हिम्मत दिखा रहे हैं। बिहार चुनाव का यह पहलू यह साबित करता है कि लोकतंत्र में उम्मीदवार का जनता से जुड़ाव उसकी संपत्ति से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है।









