Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट में एक हत्या के मामले की सुनवाई के दौरान अचानक सामने आए 11 साल के एक बच्चे ने दवा की तबियत में बेहतरी का साक्षात्कार किया, जब उसके नाना और मामा पर हत्या का आरोप लगा था। बच्चे ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह जिंदा है और उसके नाना और मामा को गलत तरीके से उसकी हत्या के झूठे केस में फंसाया गया है।
इस मामले का संदेह उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जनपद से जुड़ा है, जहां सुप्रीम कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए कहा है कि अगले आदेश तक याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। इसके बाद की सुनवाई जनवरी 2024 में होगी। मामले के पीछे की कहानी उत्तर प्रदेश के गाँवों में हो रहे परिवारिक विवादों को दर्शाती है। बच्चे के वकील, कुलदीप जौहरी ने खुलासा किया कि बच्चे को यह साबित करने के लिए कोर्ट क्यों जाना पड़ा कि वह मरा नहीं है।
Supreme Court: पिता ने बेरहमी से पीटा
वकील ने बताया कि बच्चा 2013 से अपने नाना के साथ रह रहा था, जो किसान हैं। उसकी मां को उसके पिता ने बेरहमी से पीटा था, जिससे उसकी मौत हो गई। आरोप है कि वह परिवार से अधिक दहेज चाहता था। वकील ने कहा कि पिता की पिटाई से बच्चे की मां बुरी तरह घायल हो गई थी। उनकी शादी 2010 में हुई थी और तीन साल बाद ही मार्च 2013 में उसकी मौत हो गई।
नाना ने धारा 304 के तहत एफआईआर दर्ज कराया और दामाद ने अपने बेटे की कस्टडी की मांग की, जिसके बाद कानूनी लड़ाई शुरू हुई। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में यूपी सरकार, पीलीभीत एसपी, और न्यूरिया थाना प्रभारी को नोटिस जारी किया है और अगली सुनवाई का आयोजन जनवरी 2024 में किया गया है।