रिपोर्ट -मिथिलेश गुप्ता
Chandauli: चंदौली कम उम्र में बिखेरा शायरी का जलवा ठीक ही कहा गया है गांव में प्रतिभाओं की कमी नहीं होती बस उन्हें पहचान कर निखारने की आवश्यकता है कुछ ऐसा ही जनपद चंदौली अंतर्गत विकासखंड साहबगंज के ग्राम पंचायत अमरसीपुर की कम उम्र की बालिका शबनम बानो है जो कक्षा सातवीं की छात्रा है उसके अंदर बेहतरीन शायरी लिखने का हुनर है जो पढ़ने वाले को उसकी तारीफ करने को मजबूर कर देता है उसके इस अंदाज को खुदा की रहमत ना कहें तो और क्या कहें यदि ऐसे होनहार प्रतिभाओं की पहचान कर उन्हें निखारने का प्रयास किया जाए तो निश्चय ही वह दुनिया में अपनी पहचान बनाकर हुनरमंद लोगों के लिए मिसाल बन जाएंगे आज के इस दौर में ऐसे छिपे हुए होनहार प्रतिभाओं की पहचान कर उन्हें निखारने आवश्यकता है जिससे कि वह दुनिया में अपनी पहचान बना सके और माता-पिता के साथ-साथ जनपद का नाम रोशन कर सके .
Chandauli: लाजवाब शायरी
हम समय के हालात को समझते हैं
हर किसी के बात को समझते हैं
फिर भी हम कुछ नहीं कहते
यूंही चुपचाप रहते हैं
हमने इंसान को एक दूसरे से
एक दूसरे को जलते देखा है
हमने पैसों से किसी को बनते
तो किसी को बिगड़ते देखा है
आंसू छुपाना भी एक कला है
आंखों में आसूं लेकर मुस्कुराना
भी एक कला है
जो हर किसी को आती नहीं
हर मुस्कुराहट खुशी कहलाती नहीं
वो फूल ही क्या जो खिले ना
वो खुशी ही क्या जो मिले ना
वो प्यार ही क्या जिसमे आंखें नम हो
वे रिश्ते ही क्या जिसमे प्यार कम हो।
क्या हाल है हमारा हम दिखा नहीं सकते
जिंदगी किस दौर से गुजर रहे हैं
ये हम बता नहीं सकते ।
हम सबके थे पर कोई हमारा
नहीं क्योंकि कहते हैं लोग
अब सतयुग का जमाना नहीं
फिर भी हम इस जिंदगी को
जीते हैं क्योंकि इसके अलावा
अब कोई हमारा ठिकाना नहीं
वो जिंदगी ही क्या जिसमे खुशी ना हो
वो गम ही क्या जिसमे आंखें नम ना हो
उस जिंदगी का मजा ही क्या जिसमे
कुछ गम ना हो ।
जो बीत गया वो बीत गया
वो वापस आ नहीं सकता
जिंदगी एक राज है
जिसे बताया जा नहीं सकता ।
शायर शबनम बानो
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