CM Rekha Gupta on kanwar yatra 2025: दिल्ली में इस बार सावन सिर्फ भगवान शिव के भक्तों के लिए नहीं, बल्कि भ्रष्टाचारियों के लिए भी ‘प्रलय’ लेकर आया है। जिस घोटालेबाज़ सिस्टम पर वर्षों से कांवड़ यात्रा के नाम पर लूट का खेल चलता रहा, उस पर अब दिल्ली सरकार ने ऐसा बुलडोजर चलाया है कि राजनीति के गलियारों से लेकर कांवड़ समितियों तक हर कोई हैरान है। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अगुवाई में कैबिनेट ने ऐसा फैसला लिया है, जिसे लेकर विपक्षी खेमों में तो हड़कंप मचा हुआ है, लेकिन सड़कों पर उतरे शिवभक्तों के चेहरों पर मुस्कान लौट आई है। सावन में कांवड़ यात्रा को लेकर दिल्ली सरकार ने दो बड़े धमाकेदार फैसले किए हैं — अब कांवड़ समितियों को सीधे खाते में पैसा मिलेगा और साथ ही शिविरों में बिजली फ्री मिलेगी। लेकिन असली बम तो तब फटा जब सीएम ने कहा कि इस फैसले के पीछे एक ही मकसद है — ‘भ्रष्टाचार खत्म करना।’

CM Rekha Gupta on kanwar yatra 2025: कांवड़ यात्रा में होता था करोड़ों का खेल!
दिल्ली में हर साल सावन आते ही शिवभक्तों के लिए टेंट, लंगर, मेडिकल और अन्य सुविधाओं के नाम पर करोड़ों रुपये का टेंडर निकलता था। (CM Rekha Gupta on kanwar yatra 2025) लेकिन इस सिस्टम में ऐसा जाल बुना गया था कि फायदा कुछ चहेते ठेकेदारों और दलालों को होता था, और शिवभक्तों तक सिर्फ नाम मात्र की सुविधा पहुंचती थी। करोड़ों रुपये खर्च होते थे, लेकिन कैंप में पानी गिरता था, टेंट अधूरे लगते थे, और लंगर में थालियों से ज्यादा शिकायतें परोसी जाती थीं।
सीएम रेखा गुप्ता ने खुद कबूल किया कि पिछली सरकारों ने कांवड़ यात्रा को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया था। 2-3 लोग पूरे दिल्ली के टेंडर उठा लेते थे, फिर काम अधूरा छोड़ देते थे, और पैसा ऊपर से नीचे तक बंटता रहता था। कभी कांवड़ समितियों से कहा जाता, “आप पहले अपना पैसा लगाओ, बाद में दे देंगे।” बाद में क्या होता? सालों तक बिल पेंडिंग पड़े रहते थे। (CM Rekha Gupta on kanwar yatra 2025) सीएम के मुताबिक आज भी 3-4 साल के बिल फंसे हुए हैं। यानी करोड़ों रुपये का घोटाला सालों से चल रहा था, भक्त ठगे जाते थे और ठेकेदार मलाई काटते थे।
सीधे खाते में पैसा, खत्म हुआ दलालों का खेल
अब दिल्ली सरकार ने इस पूरे सिस्टम में ऐसा विस्फोट कर दिया है कि ठेकेदार लॉबी के होश उड़ गए हैं। (CM Rekha Gupta on kanwar yatra 2025) अब कोई बिचौलिया नहीं, कोई टेंडर नहीं, कोई दलाल नहीं। सीधा पैसा — सीधा शिवभक्तों के लिए। कैबिनेट में तय किया गया है कि दिल्ली सरकार 50 हजार से लेकर 10 लाख रुपये तक की राशि सीधे उन कांवड़ समितियों को देगी जो रजिस्टर्ड होंगी और वाकई में शिवभक्तों के लिए काम कर रही होंगी।
यह रकम कांवड़ शिविरों के साइज और अवधि पर निर्भर करेगी। खास बात ये कि 50% रकम पहले ही मिल जाएगी ताकि शिविर समय से लग सकें और बाकी 50% यात्रा के बाद तीन महीने के अंदर निपटा दिया जाएगा। अब कोई सालों तक सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटेगा। (CM Rekha Gupta on kanwar yatra 2025) इतना ही नहीं, दिल्ली सरकार ने सिंगल विंडो सिस्टम भी लागू कर दिया है। अब किसी संस्था को अलग-अलग विभागों से एनओसी लेने के लिए दर-दर भटकना नहीं पड़ेगा। 72 घंटे में सारी मंजूरी मिल जाएगी।
फ्री बिजली: 1200 यूनिट तक मुफ्त, शिविरों में नहीं कटेगा अंधेरा
दिल्ली सरकार ने सिर्फ पैसे का इंतजाम ही नहीं किया, बल्कि कांवड़ शिविरों में बिजली को लेकर भी बड़ा ऐलान कर दिया है। हर शिविर को 1200 यूनिट तक फ्री बिजली दी जाएगी। सीएम ने खुलासा किया कि पिछले वर्षों में डेटा खंगालने पर पता चला कि बड़े से बड़े शिविरों में भी बिजली की खपत 1000 यूनिट से ज्यादा नहीं गई। (CM Rekha Gupta on kanwar yatra 2025) यानी, ज्यादातर शिविरों को अब बिजली बिल भरने की जरूरत ही नहीं होगी। (CM Rekha Gupta on kanwar yatra 2025) ये वो कदम है जिसने दिल्ली में कांवड़ यात्रा को लेकर पूरी तस्वीर ही बदल दी है। अब भक्तों के शिविरों में अंधेरे के बजाय रोशनी होगी, सुविधाएं होंगी और सेवा का असली भाव होगा।
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राजनीति में मची खलबली, विपक्षी खेमे में सन्नाटा
दिल्ली सरकार का यह कदम सिर्फ प्रशासनिक फैसला नहीं है, बल्कि इसके राजनीतिक मायने भी बहुत बड़े हैं। विपक्ष पहले ही सावन में राजनीति चमकाने की तैयारी में था, लेकिन रेखा गुप्ता की सरकार ने सीधे खेल ही बदल दिया। विपक्षी दलों के नेता इस फैसले को ‘लोकलुभावन’ बता रहे हैं, लेकिन असल में उनके चेहरे पर छुपा डर साफ नजर आ रहा है। (CM Rekha Gupta on kanwar yatra 2025) वर्षों से जो व्यवस्था मलाईदार कारोबार बनी हुई थी, उस पर अब पूरी तरह से ताला लग चुका है। अब अगर कोई नेता या दलाल कांवड़ यात्रा के नाम पर पैसा कमाना चाहता है तो उसे रजिस्टर्ड संस्था बनानी होगी और जनता की सेवा करनी होगी।
दिल्ली में बदली तस्वीर, भक्त बोले- अब आएगा असली आनंद
दिल्ली की सड़कों पर कांवड़ संघों के कार्यकर्ताओं ने इस फैसले का स्वागत किया है। (CM Rekha Gupta on kanwar yatra 2025) कई संस्थाओं ने कहा कि वर्षों से जिस भ्रष्ट व्यवस्था से वे परेशान थे, अब जाकर उसे खत्म होते देख रहे हैं। इस बार सावन में दिल्ली सिर्फ भक्ति में नहीं डूबी होगी, बल्कि कांवड़ियों की सेवा में भी नई इबारत लिखेगी। रेखा गुप्ता की सरकार ने दिल्ली की राजनीति में एक ऐसा दांव चला है, जिसने बाकी राज्यों की सरकारों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है। सवाल अब ये है — क्या बाकी राज्य सरकारें भी इस मॉडल को अपनाएंगी? या दिल्ली एक नई मिसाल बनाकर आगे बढ़ चुकी है? सावन आया है… और इस बार सिर्फ जल नहीं चढ़ेगा, बल्कि सिस्टम का गंदा पानी भी साफ होगा।