Mahashivratri Vrat Ke Niyam : महाशिवरात्रि का व्रत करने के लिए शिव पुराण में कुछ नियम बताए गए हैं। इन नियमों का पालन करते हुए यदि आप महाशिवरात्रि का व्रत करेंगे तो शिव आराधना का संपूर्ण लाभ आपको भी मिलेगा। यह व्रत बहुत ही पवित्र मन और श्रृद्धा भाव से रखा जाता है। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का महापर्व मनाया जाता है और इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह का उत्सव भी मनाया जाता है। जगह-जगह शिव बारात का आयोजन किया जाता है। चलिए हम आपको बता रहे हैं कि महाशिवरात्रि के व्रत में किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए इसके साथ ही इस दिन क्या करें और क्या नहीं।
महाशिवरात्रि पर पूजा के नियम (Puja Ke Niyam)
महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पूजन में शंख वर्जित है। शिवजी ने शंखचूर नामक राक्षस का वध किया था। इसी कारण शंख से शिवलिंग पर अभिषेक नहीं किया जाता। शिव पूजा में शंख रखना भी निषेध है।
भगवान शिव की पूजा में हल्दी का प्रयोग पूर्ण रूप से वर्जित माना गया है। इसलिए भूलकर भी ऐसा न करें। कुमकुम, सिंदूर भी न चढ़ाएं। आप माता पार्वती की प्रतिमा पर ये चीजें चढ़ा सकते हैं।
भगवान शिव की पूजा में बेलपत्र का खास महत्व है। पूजा करते समय तीन पत्तों वाला पूरा बेलपत्र चढ़ाना चाहिए। बेलपत्र का चिकना भाग शिवलिंग की ओर होना चाहिए।
शिव पुराण और लिंग पुराण में ऐसा बताया गया है कि शिवलिंग की पूरी परिक्रमा नहीं करनी चाहिए। लिंग पुराण और शिव पुराण के अनुसार, हमेशा आधी परिक्रमा ही करनी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि परिक्रमा करते समय सोमसूत्र नहीं लांघना चाहिए।
शिवपुराण के अनुसार, तुलसी, केतकी, कनेर और कमल वर्जित हैं। इनकी बजाय बेलपत्र, भांग, धतूरा आदि चढ़ाएँ। शिवपुराण में इन फूलों को शिवलिंग पर चढ़ाना मना है।
शिवलिंग पर अक्षत चढ़ाते वक्त इन बातों का ध्यान रखें कि ये टूटे हुए न हों, ऐसा करने से आपकी पूजा खंडित हो जाती है।
महाशिवरात्रि के दिन भूलकर भी न करें ये गलतियां
शिवजी की पूजा के लिए सही बर्तन चुनना जरूरी है। कांसे के बर्तन अशुभ माने जाते हैं, इसलिए इनसे दूध या जल न चढ़ाएं। सोना, चांदी या तांबे के बर्तन सबसे अच्छे रहते हैं।
महाशिवरात्रि पर काले रंग के कपड़े पहनने से बचें। ऐसा करने से शिवजी नाराज हो सकते हैं। पूजा के लिए आप हल्के रंगों का प्रयोग करें। इनमें सफेद, आसमानी, गुलाबी और नारंगी सबसे बेहतर रंग हैं।
अगर आपने शिवरात्रि का व्रत नहीं भी रखा है तो भी तामसिक भोजन जैसे मांस, मदिरा, प्याज, लहसुन का सेवन न करें। ऐसा माना जाता है कि इससे पूजा का फल कम हो जाता है।
महाशिवरात्रि पर मन को शुद्ध रखें और शिवजी की भक्ति में लीन रहें। बुरे विचार और कठोर वचनों से दूर रहें। व्रत के दौरान अनाज छोड़कर केवल फल ही खाएं। इस पावन दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना से मन को शांत और पवित्र बनाए रखें।