People in Pakistan: पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा लिए जा रहे कड़े रुख से पाकिस्तान में बेचैनी चरम पर पहुंच गई है। जहां पाकिस्तान की सरकार और सेना में गंभीर अस्थिरता देखी जा रही है, वहीं आम जनता डर और असमंजस के माहौल में दिन गुजार रही है। सोशल मीडिया पर शांति की अपीलें बढ़ रही हैं, हालांकि कुछ कट्टरपंथी अब भी भारत विरोधी टिप्पणियों से पीछे नहीं हट रहे।
हमले के बाद भारत की सख्त प्रतिक्रिया ने पाकिस्तान को गहरा झटका दिया है। जवाबी रणनीति के तहत पाकिस्तान ने शिमला समझौता रद्द करने की घोषणा कर दी है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और भी बढ़ गया है। इस तनावपूर्ण माहौल में पाकिस्तान के नागरिक सोशल मीडिया पर डर और चिंता साझा कर रहे हैं। (People in Pakistan) एक यूज़र ने लिखा, हमारे बच्चे भी अब डर के साए में जी रहे हैं, युद्ध की आशंका ने मानसिक अशांति फैला दी है। हालांकि पाकिस्तान की सोशल मीडिया आर्मी अब भी अपनी पुरानी आदतों से बाज नहीं आ रही है। ट्विटर (अब एक्स), फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर वे लगातार मीम्स और व्यंग्य के जरिए माहौल को हल्का दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। इनमें से कई पोस्ट्स में भारत से ज्यादा खुद पाकिस्तान का मज़ाक उड़ाया गया है। भारत द्वारा पानी रोकने की चेतावनी पर भी कई व्यंग्यात्मक वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिन पर तीखी बहसें छिड़ गई हैं।

People in Pakistan: अपनों से बात करने के लिए तरस रहें लोग
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव ने आम लोगों की जिंदगी पर गहरा असर डाला है। (People in Pakistan) न सिर्फ सीमाओं पर माहौल तनावपूर्ण है, बल्कि दोनों देशों के बीच रिश्तों की गर्माहट भी ठंडी पड़ती दिख रही है। पाकिस्तान में रहने वाले कई लोगों ने सोशल मीडिया पर अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि वे भारत में बसे अपने रिश्तेदारों से बात तक नहीं कर पा रहे हैं।
सोशल मीडिया पर लिखा है कि उन्हें डर है कि यदि वे भारत में रहने वाले अपने परिजनों से संपर्क करते हैं, तो उन पर शक किया जा सकता है या किसी तरह की मुसीबत में फंस सकते हैं। इसी डर के चलते कई परिवारों ने अपने करीबी रिश्तेदारों से फोन या अन्य माध्यमों से संपर्क तोड़ दिया है। (People in Pakistanएक व्यक्ति ने पोस्ट किया कि मेरी बहन दिल्ली में रहती है, लेकिन मैं पिछले तीन दिनों से उससे बात करने की हिम्मत नहीं जुटा पाया हूं। डर है कि कहीं कोई गलतफहमी न हो जाए। यह स्थिति बताती है कि सियासी और सैन्य तनाव सिर्फ सीमा तक सीमित नहीं रहता, बल्कि इसकी आंच आम लोगों के रिश्तों और भावनाओं तक भी पहुंचती है।

आर्थिक तंगी से जूझ रहे लोग
इस बीच पाकिस्तान की आंतरिक स्थिति भी गंभीर बनी हुई है। वर्ल्ड बैंक की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक देश की जीडीपी मात्र 2.6% रह गई है। यह विकास दर ना केवल नाकाफी है, बल्कि 2025 में 19 लाख लोगों के और गरीबी रेखा में शामिल होने की आशंका जताई गई है। (People in Pakistan) ग्रामीण इलाकों में तो हालात और भी बदतर हैं, जहां लगभग 1 करोड़ लोग इस वर्ष खाद्य संकट का सामना कर सकते हैं। वहीं भारत ने सामाजिक-आर्थिक मोर्चे पर उल्लेखनीय प्रगति की है। रिपोर्ट के अनुसार 17.1 करोड़ भारतीय नागरिक अत्यंत गरीबी की श्रेणी से बाहर निकल चुके हैं।